Śrīkoṣa
Chapter 7

Verse 7.239

कुण्डे पुष्पाञ्जलिं क्षिप्त्वा वह्निमन्त्रमनुस्मरन् ।
जलनिर्मथितेनैव हयूर्ध्वपुण्‍ड्रचतुष्टयम् ॥ २४० ॥