Śrīkoṣa
Chapter 7

Verse 7.248

आपूर्य पाणियुगलं पुष्पैस्तत्रोपरि स्थितम् ।
संस्मरेन्निष्कलं मन्द्रममृतेनोपबृह्नितम् ॥ २४९ ॥