Śrīkoṣa
Chapter 2

Verse 2.24

अर्कन्यग्रोधखदिरकरञ्जककुभादिकम् ।
शरजोदुम्बराश्वत्थप्लक्षदर्भांश्च वैणवान् ॥ २४ ॥