Śrīkoṣa
Chapter 12

Verse 12.74

स्तम्भद्वयान्तरस्थेन मानेन स्यात्तु विस्तृतिः ।
स्तम्भमस्तकमानेन साधिकेन सदैव हि ॥ ७४ ॥