Śrīkoṣa
Chapter 12

Verse 12.172

मुख्यमेतत् स्मृतं कल्पमनुकल्पमिदं श्रुणु ।
अष्टाधिकेन सूत्रेण शतेन प्रथमं त्विदम् ॥ १७२ ॥