Śrīkoṣa
Chapter 12

Verse 12.502

प्रपूज्य पूर्ववद्द्विप्र बिम्बसन्निहितं विभुम् ।
निवेद्य भूषणं दद्याद्वाणीमुच्चारयेदिमाम् ॥ ५०२ ॥