Śrīkoṣa
Chapter 12

Verse 12.536

नित्यस्नपनबिम्बे वा कुर्यात्तत्तदसन्निधौ ।
नित्योत्सवपरे बिम्बे ह्याचरेत्तदसन्निधौ ॥ ५३६ ॥