Śrīkoṣa
Chapter 6

Verse 6.59

यासां वै मध्यमा शक्तिर्भुजङ्गकुटिलोपमा ।
धूमधूसरवर्णाभा अण्डं भित्वा विनिर्गता ॥ ५९ ॥